बाहरी अंधकार को भगाने के साथ ही आत्मिक दीपक जलाकर ईश्वरीय ज्ञान का प्रकाश फैलाएं : गीता दीदी

बाहरी अंधकार को भगाने के साथ ही आत्मिक दीपक जलाकर ईश्वरीय ज्ञान का प्रकाश फैलाएं : गीता दीदी

ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय मेडिटेशन सेंटर पर भव्य दीपोत्सव कार्यक्रम

संवाददाता नीतीश कौशिक

बागपत। बाहर का अंधकार तो दीये जलाने से खत्म हो जाता है किंतु आत्मिक दीपक जलाकर उससे प्राप्त ईश्वरीय ज्ञान के प्रकाश से अंदर के अंधेरे को भगाना ही दीपावली पर्व का उद्देश्य और प्रेरणा है। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के स्थानीय मेडिटेशन सेंटर पर प्रभारी गीता दीदी ने दीपावली के आध्यात्मिक तरीके से कैसे मनाई जाए, इस विषय पर अपने उद्गार व्यक्त करते हुए उक्त बात कही।

गीता दीदी ने बताया, इस दिन हम घर पर, शुभ लाभ लिखते हैं ,शुभ कर्म करें, तो हमें लाभ ही लाभ है। जैसे कि लाभ का उल्टा किया जाए तो भला होता है , वैसे ही अगर हम समस्त आत्माओं का भला करें, तो हमारे जीवन शुभ भावनाओं से भरपूर हो जाएगा । दीदी ने बताया कि ,हमें आत्मिक दीपक जलाना है और उसमें परमात्मा के ज्ञान का घृत डालना है। 

 कार्यक्रम में शालिनी राकेश ने बताया कि ,सच में बाहर की सफाई के साथ-साथ हमें अपने मन की भी सफाई करनी चाहिए । उन्होंने दीदी की इस बात से प्रभावित होकर संकल्प लिया कि हम बाहर की सफाई के साथ-साथ अपने अंदर की सफाई करेंगे। सरिता दीदी ने संचालन व शिव प्रकाश भाई द्वारा दीपावली के गीत गाए ।