नीलकंठ आश्रम में अथर्ववेद पारायण महायज्ञ का शुभारंभ, भौतिकवाद को त्यागकर योग व साधना की ओर बढने का दिया संदेश

नीलकंठ आश्रम में अथर्ववेद पारायण महायज्ञ का शुभारंभ, भौतिकवाद को त्यागकर योग व साधना की ओर बढने का दिया संदेश

संवाददाता मनोज कलीना

बिनौली | जिवाना के नीलकंठ आश्रम में रविवार को प्रकाश पर्व के उपलक्ष्य में पांच दिवसीय अथर्ववेद पारायण महायज्ञ का वेद मंत्रोच्चार के साथ शुभारंभ हुआ। 

इस अवसर पर श्रद्धालुओं को उपदेश देते हुए नीलकंठ आश्रम पीठाधीश सिद्धगुरु महाराज ने कहा कि, गुरु परमात्मा की शक्ति व प्रेरणा से ही श्रेष्ठ कर्म करने का सौभाग्य मिलता है। कहा कि, भौतिकवाद को त्यागकर योग और साधना की ओर चलें, क्योंकि जो निरंतर साधना करता है, मंत्रों के प्रभाव से उसके मन और आत्मा में पवित्रता आ जाती है और वह शुभ कर्म करते हुए परसेवा में लीन हो जाता है। 

यज्ञ के ब्रह्मा आचार्य अमित शास्त्री ने कहा कि ,अथर्ववेद का मानव जीवन में बड़ा योगदान है। संचित कर्मों के आधार पर मानव जीवन मिलता है।इस दौरान तन्मय मधोलकर सपत्नीक यज्ञमान रहे। आचार्य अंकुर भारद्वाज ने भी वेदोपदेश दिया। पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष रेणू धामा सहित सैकड़ों श्रद्धालुओं ने यज्ञ में आहुति देकर पुण्यार्जन किया।