थाना प्रभारी की लापरवाही से नाराज दिखीं राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला, महिला सुरक्षा पर उठाए सवाल
एक बार पुनः कानपुर पुलिस का गैरजिम्मेदाराना रवैया हुआ उजागर।कानपुर पुलिस ही क्या लगभग पूरे प्रदेश के अन्य विभागों में भी फैला है अधिकारियों की ऐसी ही गैर जिम्मेदाराना हरकतों का संजाल।नहीं उठते किसी जिम्मेदार के सी.यू.जी मोबाइल नंबर।शासनादेश के अनुसार दिन के 24 घंटे सक्रिय रहने चाहिए सी.यू.जी नबर।
कानपुर: भाजपा कार्यकर्ता महेश तिवारी की पिटाई और पुलिस की निष्क्रियता पर राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला ने नाराजगी जताई। उन्होंने पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करते हुए कहा कि जब थाना प्रभारी मंत्री का ही फोन नहीं उठाते, तो आम आदमी की क्या सुनवाई होती होगी।
मामला बर्रा थाना क्षेत्र का है, जहां गेस्ट हाउस में भाजपा कार्यकर्ता महेश तिवारी के साथ मारपीट हुई। उन्होंने किसी तरह अपने बेटे को सूचना दी, जिसने अन्य स्वजनों के साथ थाने पहुंचकर शिकायत दर्ज कराने की कोशिश की। आरोप है कि पुलिस ने उनकी कोई सुनवाई नहीं की।
राज्यमंत्री को सूचना मिलने पर उन्होंने थाना प्रभारी राजेश कुमार शर्मा को छह बार फोन किया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। इसके बाद वह खुद थाने पहुंचीं, जहां उन्होंने महिला सुरक्षा और पुलिस की निष्क्रियता पर कड़ी आपत्ति जताई।
थाने में मौजूद एक महिला फरियादी की अनदेखी
राज्यमंत्री ने बताया कि जब वह थाने पहुंचीं, तब एक महिला फरियादी भी अपनी शिकायत लेकर आई थी, लेकिन उसकी सुनवाई नहीं हुई और वह वापस लौट गई। उन्होंने कहा, "महिला सुरक्षा के नारे केवल दिखावा हैं। पुलिस की कार्यप्रणाली यह साबित करती है कि आम जनता की शिकायतें हवा-हवाई हैं।"
रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए मंत्री को करना पड़ा हस्तक्षेप
राज्यमंत्री के हस्तक्षेप के बाद ही घायल महेश तिवारी को मेडिकल के लिए भेजा गया और आरोपित के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई। इस दौरान एडीसीपी साउथ महेश कुमार ने मामले की जांच और उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया।
फोन कॉल का रिकॉर्ड
राज्यमंत्री ने बताया कि उन्होंने थाना प्रभारी को शाम 5:48, 5:50, 5:52, 6:34, और 6:57 बजे फोन करवाया, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। आखिरकार, जब पूर्व सांसद अनिल शुक्ला वारसी ने पुलिस आयुक्त को फोन किया, तब जाकर कुछ हरकत हुई।
मंत्री का बयान
राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला ने कहा, "हमारे कार्यकर्ता को बुरी तरह पीटा गया, लेकिन थाना प्रभारी का रवैया बेहद गैरजिम्मेदाराना था। मजबूरी में मुझे थाने आना पड़ा। पुलिस विभाग को अपनी कार्यशैली सुधारने की सख्त जरूरत है।"
निष्कर्ष
यह घटना पुलिस की कार्यप्रणाली और आम नागरिकों की समस्याओं को लेकर पुलिस की लापरवाही को उजागर करती है। मंत्री ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।