9 जनवरी को जिलाधिकारी कार्यालय पर मिल प्रबंधन और पंचायत समिति प्रतिनिधियों की प्रस्तावित वार्ता में शामिल होने पर सहमति

9 जनवरी को जिलाधिकारी कार्यालय पर मिल प्रबंधन और पंचायत समिति प्रतिनिधियों की प्रस्तावित वार्ता में शामिल होने पर सहमति

बावली पंचायत का फैसला

••गत सत्र का चुकता बकाया भुगतान तथा इस सत्र का दिसम्बर 22 तक के गन्ना भुगतान से कम पर कोई समझौता नहींं

संवाददाता आशीष चंद्रमौली

बडौत | पिछले साल का लगभग ढाई सौ करोड़ और इस सत्र का अब तक लगभग डेढ़ सौ करोड़ अब तक मलकपुर चीनी मिल पर बकाया | सत्तारूढ़ भाजपा और उसकी सरकार किसानों की आर्थिक परेशानियों से बेफिक्र | क्षुब्ध, पीड़ित और आक्रोशित किसानों की पंचायत में वक्ताओं ने पढाया धैर्य का पाठ |

चौबीसा खाप चौधरी सुभाष की अध्यक्षता तथा मा महेंद्र सिंह व जयवीर सिंह के संचालन में हुई पंचायत में गन्ना समिति के सुधीर व डिप्टी विवेक चौधरी ने बताया कि, मलकपुर मिल के खिलाफ एफआईआर करा दी गई है ,वहीं सोमवार को मिल प्रशासन व पंचायत समिति के सदस्यों के साथ डीएम कार्यालय पर बैठक प्रस्तावित है | इस मौके पर मा हरबीर सिंह, चौ सुभाष, बोबी तोमर, डॉ बिल्लू, सुंदर लाल, गौरव तोमर, अश्विनी तोमर, अरविंद, मा विनय, कृष्ण पाल प्रधान, प्रमोद चौधरी, बिजेंद्र डायरेक्टर, बृजलाल थांबा चौधरी, डॉ आकाश आदि ने भी विचार व्यक्त किये |

पंचायत में बताया गया कि, जिलाधिकारी बागपत ने 9 जनवरी का समय किसानों को वार्ता के लिए दिया है, जिसपर पंचायत ने निर्णय लिया कि, समिति के 5 सदस्य और मलकपुर मिल क्षेत्र के 85 गांव के 2-2 प्रतिनिधि कलेक्ट्रेट पहुंचेंगे तथा प्रत्येक राजनीतिक पार्टी का एक-एक प्रतिनिधि और जनपद के तीनों विधायक व सांसद को आमंत्रित किया जाएगा | समिति ने निर्णय लिया है कि, पिछले सत्र का सारा गन्ना भुगतान और इस सत्र का 31 दिसंबर तक का भुगतान लेकर रहेंगे ,इससे कम पर कोई समझौता नहीं होगा | 9 जनवरी को जिलाधिकारी से वार्ता के बाद ही अगला निर्णय भी वहीं लेने के लिए समिति और प्रत्येक गाँव के दो दो आदमी अगली रणनीति बनाकर लेंगे |

बावली किसान पंचायत में यशपाल चौधरी रामकुमार चौधरी अरुण तोमर बॉबी ,राजूतोमर सिरसली, संजू चौधरी विकास बाछोड ,विराज चौधरी ब्रजपाल चौधरी ,बवली तोमर ओमवीर, कृष्ण ,विनीत मान ,राममेहर तोमर, युवा नेता गौरव तोमर, धर्मबीर सिंह, डॉ योगेश जिंदल व सुरेश पाल तोमर ने भी मिल प्रबंधन की मनमानी पर प्रशासन और शासन की लापरवाही के चलते किसानों के सामने आई आर्थिक परेशानियों के लिए भाजपा और उसकी सरकार को दोषी ठहराया |