दीक्षार्थी संभव संभव जैन दीक्षा ग्रहण करके बने सर्वत्यागी संभव मुनि

दीक्षार्थी संभव संभव जैन दीक्षा ग्रहण करके बने सर्वत्यागी संभव मुनि

••अनुकरण कर शेरों के राजमार्ग पर चलें युवा : दीक्षार्थी संभव

••संभव जैन का त्याग संपूर्ण संसार के लिए आश्चर्य :धन्ना मुनि 

••संभव जैन के त्याग से प्रेरित होकर 34 लोगों ने लिया आजीवन ब्रह्मचर्य व्रत

ब्यूरो डा योगेश कौशिक

बड़ौत| नगर में आयोजित जैन भागवती दीक्षा महोत्सव के अंतिम दिन नगर निवासी संभव जैन, जैन सन्यास ग्रहण करके सर्व त्यागी नव दीक्षित संभव मुनि के रूप में विख्यात हो गए | उन्हें दीक्षा का पाठ शुभ मुहूर्त में तपस्वी धन्ना मुनि महाराज ने अपने मुख से ग्रहण कराया | हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ इस दीक्षा महोत्सव को देखने के लिए उमड़ पड़ी | नगर और जनपद के लिए यह दृश्य अभूतपूर्व रहा |

घर पर केसर तिलक करते हुए दी अंतिम विदाई

महोत्सव के दौरान दीक्षार्थी संभव जैन के निवास पर उनके मस्तक पर केसर तिलक कर माता, पिता, दादा, दादी, चाचा, चाची आदि ने उन्हें वीर थाल अर्पित कर घर से अंतिम विदाई दी | बाद में बाहर बने मंच पर तिलक हेतु विराजमान हुए, जहां श्रद्धालुओं ने उनके मस्तक पर केसर तिलक कर शुभकामनाएं दी | 

गोदी में उठाकर दीक्षा की बग्गी में किया आरूढ़

दीक्षा महोत्सव के मुख्य संयोजक डॉ अमित राय जैन ने उनको गोदी में उठाकर दीक्षा की बग्गी पर आरूढ़ किया |उनके भाइयों ने सामूहिक रूप से परिजनों के साथ उनके साधु वेश को चांदी की पालकी में सवार कर कंधों पर उठाकर शोभा यात्रा को प्रारंभ किया , जहां भव्य घोड़ों की बग्गी में संभव जैन वहां मौजूद श्रद्धालुओं सहित लाखों लोगों को राजकुमारों की तरह दर्शन दे रहे थे |

भौतिक संपदा के लिए भटक रहे समाज को संभव ने दिखाया आइना

ऋषभदेव सभागार में आयोजित दीक्षा महोत्सव को संबोधित करते हुए तपस्वी धन्ना मुनि महाराज ने कहा कि, संभव जैन का त्याग संपूर्ण समाज एवं संसार के लिए अत्यंत आश्चर्यजनक घटना है | कहा कि,जहां आज भौतिक संपदा धन-संपत्ति में युवा भटक रहे हैं, वहीं संभव जैन ने नवयौवन में जैन सन्यास ग्रहण कर आज के समाज को आईना दिखाया है | इस अवसर पर मोती मुनि महाराज, जंबू मुनि महाराज, विभावना महाराज, साध्वी करुणा महाराज ने भी संबोधित किया |

नगर में निकाली भव्य शोभायात्रा

दीक्षा महोत्सव शोभायात्रा में बैंड बाजों के साथ राजसी वेशभूषा में दीक्षार्थी संभव जैन ने बड़ौत नगर की आम जनता को दर्शन देते हुए ,त्याग का संदेश दिया | शोभायात्रा भगवान महावीर मार्ग, नया बाजार, अतिथि भवन, गांधी रोड होते हुए ऋषभदेव सभागार पहुंचकर धर्मसभा में परिवर्तित हो गई | 

संसार की नश्वरता का बोध ही सन्यास का प्रमुख कारण

वहां पर उपस्थित हजारों श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए दीक्षार्थी संभव जैन ने कहा कि ,मुझे वैराग्य प्राप्त होने का एक कारण संसार की नश्वरता का बोध होना भी है, क्या मेरा अनुकरण कर शेरों के जैसे राजमार्ग पर मेरे साथी युवा भी चलेंगे | कहा कि, मैं सभी को प्रेरित करता हूं कि, वह संसार सागर से तिराने वाले जैन संन्यास को धारण करें |

संभल के आह्वान पर 34 ने लिया आजीवन ब्रह्मचर्य व्रत

दीक्षा महोत्सव में एक खास बात यह रही कि संभव जैन के आजीवन तप त्याग के मार्ग को देखकर 34 लोगों ने आजीवन ब्रह्मचर्य का अखंड व्रत सभा में सार्वजनिक रूप से ग्रहण किया , बाद में उनके हाथों से ही दीक्षार्थी संभव जैन को अभिनंदन पत्र समर्पित कराया गया |

दीक्षा समारोह में रहे मौजूद

धर्म सभा की अध्यक्षता शिखर चंद शहजाद राय जैन ने की व संचालन अमित राय जैन ने किया | सभा में राज्यमंत्री के पी मलिक,संजीव सिक्का, डॉ दुष्यंत राणा चेयरमैन, कमल जैन इन्कम टैक्स कमिश्नर, नवीन जैन आईएएस, सुरेंद्र जैन विद्या प्रकाशन, विनय जैन बसंत हैंडीक्राफ्ट, राजीव जैन राष्ट्रीय महामंत्री जैन कान्फ्रेंस गाजियाबाद रमेश चोपड़ा बालोतरा, विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे | वहीं शिखर चंद जैन, संजय जैन, अनुराग जैन, मूलचंद जैन, वीरेंद्र जैन, नीरज जैन, अनिल जैन आदि लोगों ने संपूर्ण व्यवस्था बनाने में सहयोगी रहे |