"शहीद थाना प्रभारी पीएन पांडेय की मूर्ति का जीर्णोद्धार, पुलिस अधीक्षक ने किया भावपूर्ण अनावरण"

"शहीद थाना प्रभारी पीएन पांडेय की मूर्ति का जीर्णोद्धार, पुलिस अधीक्षक ने किया भावपूर्ण अनावरण"

चित्रकूट: पुलिस विभाग ने शहीद थाना प्रभारी पीएन पांडेय की मूर्ति का जीर्णोद्धार कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। पुलिस अधीक्षक चित्रकूट, अरुण कुमार सिंह ने इस अवसर पर मूर्ति का अनावरण किया और भगवान शिव के मंदिर के निर्माण के लिए भूमि पूजन भी किया। यह कार्यक्रम पुलिस विभाग के द्वारा शहीद की शहादत को याद करने के लिए आयोजित किया गया था।

1985 में जब चित्रकूट (तत्कालीन बांदा जनपद) में दस्युओं का आतंक चरम सीमा पर था, तब थाना प्रभारी पीएन पांडेय ने अपने दल के साथ ओरा गांव में दस्यु सरगना प्रकाश पांडेय को पकड़ने के लिए दविश दी थी। इस दौरान पुलिस और बदमाशों के बीच हुई गोलीबारी में पीएन पांडेय शहीद हो गए। उनकी शहादत को सम्मानित करते हुए तत्कालीन पुलिस अधीक्षक बांदा, आनंद बिहारी चतुर्वेदी के द्वारा उनकी मूर्ति स्थापित की गई थी, जो समय के साथ जीर्ण-शीर्ण हो गई थी।

पुलिस अधीक्षक चित्रकूट, अरुण कुमार सिंह के मार्गदर्शन में प्रभारी निरीक्षक पहाड़ी, रीता सिंह ने मूर्ति का पुनर्निर्माण कराया और उसे नए स्थान पर स्थापित किया। इस आयोजन में शहीद के परिवार के सदस्य, उनकी पत्नी निर्मला पांडेय और बेटी विशाखा पांडेय भी उपस्थित थीं। साथ ही अपर पुलिस अधीक्षक चित्रकूट चक्रपाणि त्रिपाठी, क्षेत्राधिकारी फहद अली और अन्य पुलिस अधिकारी भी कार्यक्रम में शामिल हुए।

जीवन परिचय:

शहीद पीएन पांडेय का जन्म 1957 में वाराणसी के कोइरीपुर गांव में हुआ था। उन्होंने 1978 में सीधी भर्ती की परीक्षा पास की और उपनिरीक्षक के पद पर नियुक्त हुए। 1985 में थाना पहाड़ी के प्रभारी के रूप में उनकी तैनाती हुई थी। शहीद होने के समय उनके एक पुत्र अमित पांडेय (जो अब बरेली में प्रभारी निरीक्षक हैं) और एक बेटी विशाखा पांडेय थीं। उनके पिता लक्ष्मीकांत पांडेय उर्फ चिक्कन पहलवान, एक अंतरराष्ट्रीय पहलवान थे जिन्होंने 1956 के मेलबर्न ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया था और 1958 के कामनवेल्थ गेम्स में भारत के लिए सिल्वर पदक जीता था।

यह कार्यक्रम शहीद की शहादत को न केवल श्रद्धांजलि देने का एक अवसर था, बल्कि यह पुलिस बल की वीरता, समर्पण और उनके अदम्य साहस को भी सम्मानित करने का प्रतीक बन गया।